इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को होता है हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा, है न?

[ad_1]

ब्लड ग्रुप और हार्ट अटैक: बदलती जीवनशैली के कारण हमारा जीवन काफी प्रभावित होता है। हार्ट अटैक, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज जैसी कुछ बीमारियां हो जाती हैं। दिल का दौरा रक्त के प्रवाह पर प्रभाव के कारण होता है। जब रक्त की तरलता कम हो जाती है, तो स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। सामान्यतः रक्त में कोलेस्ट्रोल के बढ़ने से उसकी तरलता कम हो जाती है। लेकिन केवल यही कारण नहीं है, अन्य कारणों से भी रक्त की तरलता कम हो जाती है।

जीवनशैली में बदलाव जोखिम को कम कर सकता है

आजकल हृदय रोग का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन कर इस प्रकार की बीमारी से बचा जा सकता है। तनाव प्रबंधन और चिंता कम करने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है। अगर दिल से जुड़ी बीमारियों के बारे में कम जानकारी हो और उनके लक्षणों को न समझा जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे ब्लड ग्रुप और दिल की सेहत के बीच एक खास रिश्ता है!यह भी पढ़ें: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए जिम में न करें ये गलती

આ પણ વાંચો :   NCB ने करण जौहर की कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस के कार्यकारी निर्माता क्षितिज रविप्रसाद को समन किया News18 Gujarati

रक्त को विभिन्न तरीकों से अलग किया जाता है

ओनली माय हेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लड ग्रुप की सही जानकारी होने से दिल से जुड़ी समस्याओं की जल्दी पहचान की जा सकती है। इसे जानने के लिए ABO प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। इस तकनीक में ए और बी एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर रक्त को अलग किया जाता है। जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए, बी, एबी या ओ होता है, उन्हें एंटीजन के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। इस प्रणाली को 1901 में ऑस्ट्रियाई इम्यूनोलॉजिस्ट कार्ल लैंडस्टीनर द्वारा मान्यता दी गई थी।

આ પણ વાંચો :   क्या आपने देखा करीना कपूर के छोटे बेटे जेह बेबो का ये वीडियो डार्लिंग अपनी मां के साथ योग करती नजर आ रही हैं

यह भी पढ़ें: ये है हार्ट अटैक का चेतावनी संकेत, शरीर में हो ये बदलाव तो दौड़े डॉक्टर के पास वरना…

लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा प्रोटीन का ग्रहण या अस्वीकृति रक्त की सकारात्मक और नकारात्मक विशेषताओं पर निर्भर करती है। यदि रक्त में प्रोटीन मौजूद है, तो आप आरएच पॉजिटिव कहलाते हैं और यदि नहीं, तो आप आरएच निगेटिव कहलाते हैं। O ब्लड ग्रुप वाले सभी लोगों को ब्लड दे सकते हैं और AB ग्रुप वाले लोग सभी लोगों से ब्लड ले सकते हैं।

આ પણ વાંચો :   साउथ फिल्म के सेट पर बड़ा हादसा, 20 फीट की ऊंचाई से गिरकर स्टंटमैन की मौत

अधिक जोखिम में कौन है?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, रक्त प्रकार ए और बी वाले लोगों में थ्रोम्बोम्बोलिक विकार विकसित होने का अधिक जोखिम होता है, जबकि रक्त प्रकार ओ वाले लोगों में उच्च रक्तचाप का खतरा होता है। दिल और ब्लड ग्रुप पर हुए शोध में पाया गया है कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हाइपरलिपिडिमिया होता है। O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में एथेरोस्क्लेरोसिस और हार्ट फेल होने की संभावना अधिक होती है। जबकि बी ब्लड ग्रुप वालों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।

द्वारा प्रकाशित:Vivek Chudasma

प्रथम प्रकाशित:

टैग: स्वस्थ जीवन शैली, दिल का दौरा, जीवन शैली, जीवन शैली समाचार विज्ञान, जीवन शैली जीवन शैली

[ad_2]

Source link

Leave a Comment