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दूध अंधविश्वास:शुकन शास्त्र में दूध को शुभ और अशुभ शकुनों से जोड़ा गया है। जानिए दूध से जुड़े लक्षणों के बारे में।
दूध सिर्फ पीने के काम ही नहीं आता बल्कि इसका इस्तेमाल पूजा पाठ में भी किया जाता है। इसलिए धार्मिक दृष्टि से भी दूध का बहुत महत्व है। शिवलिंग पर दूध भी चढ़ाया जाता है। दूध को भी चंद्र का कारक माना गया है। उबलता हुआ दूध गिरना अपशकुन माना जाता है। दूध का बार-बार छलकना भी चंद्र दोष का संकेत देता है। जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। आइए जानते हैं कि उबलता हुआ दूध नीचे गिर जाए तो किस तरह का अशुभ संकेत मिलता है।
उबलता हुआ दूध गिरना अशुभ संकेत है
- वास्तु के अनुसार, दूध को बार-बार गैस में उबालने से घर के सदस्यों पर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। बहते दूध से चंद्र दोष बढ़ता है और इससे घर में हमेशा तनाव बना रहता है। इसका मानसिक और आर्थिक रूप से भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- गैस पर दूध उबालते समय अग्नि का प्रयोग किया जाता है और यह मंगल का कारक है। मंगल और चंद्रमा को एक दूसरे के विपरीत माना जाता है। हर बार खौलता हुआ दूध परिवार में कलह की स्थिति पैदा कर देता है। चंद्र और मंगल के मिलन से घर में दरिद्रता आती है।
- दूध उबालने के बाद छलकना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा बार-बार होता है, तो यह घर में वास्तु दोष होने का संकेत देता है। वास्तु दोष के कारण घर में सुख-समृद्धि नहीं रहती और हमेशा धन की कमी बनी रहती है।
- घर का कोई सदस्य किसी जरूरी काम से बार जा रहा हो और उस समय गैस पर दूध उबलकर गिर जाए तो यह अशुभ संकेत माना जाता है। ऐसे में इस बात की बहुत संभावनाएं हैं कि आप काम से बाहर जाएं या न जाएं। उबलते हुए दूध के छींटे भी किसी बीमारी का संकेत देते हैं।
- मान्यता है कि दूध में उबाल आने पर देवी अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं। अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता है तो आपको देवी मां से क्षमा याचना करनी चाहिए। चंद्र दोष को दूर करने के लिए मोती धारण करना और चंद्रदेव को जल अर्पित करना श्रेष्ठ होता है। चंद्र और मंगल की शांति के लिए ज्योतिषी की सलाह लेकर पूजा करनी चाहिए।
अस्वीकरण: एबीपी इस लेख में दिखाए गए तरीके, उपचार, आहार, दवा, उपाय का समर्थन नहीं करता है, इस विधि का पालन, विधि, अनुष्ठान, उपाय, आहार
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