[ad_1]
Chanakya Niti: कई बार मनुष्य भ्रमित हो जाता है कि कौन सा मार्ग ग्रहण करे और क्या करे और क्या न करे। जीवन में वह हर चीज के बारे में सोचता है कि वह आसान है या टेढ़ा है, उसे किसके साथ कैसा व्यवहार रखना चाहिए। तो इन सभी सवालों का जवाब आपको चाणक्य नीति से मिल जाएगा। तो आइए जानते हैं आपके हर सवाल का जवाब.. चाणक्य नीति से..
चाणक्य के बताए रास्ते पर चलकर लोगों की मुश्किल समस्याओं को आसानी से सुलझाया जा सकता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का व्यवहार ही उसके व्यक्तित्व की पहचान होता है। मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है। चाणक्य ने कहा कि किस तरह के लोगों को जीवन में हर मोड़ पर अत्याचार सहना पड़ता है। चाणक्य कहते हैं कि समय कितना भी बुरा क्यों न आए, ऐसे में इंसान को ऐसा स्वभाव नहीं रखना चाहिए, नहीं तो वह अपना फायदा उठाने लगता है।
चाणक्य ने कहा कि जो लोग बहुत ही सरल स्वभाव के होते हैं उन्हें समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चाणक्य मनुष्य की सादगी की तुलना जंगल में एक पेड़ से करते हैं जिसे आसानी से काटा जा सकता है। यानी जो पेड़ सीधे होते हैं उन्हें पहले काटा जाता है क्योंकि उन्हें कम मेहनत करनी पड़ती है।
दूसरी ओर टेढ़े-मेढ़े पेड़ अंत तक मजबूत रहते हैं। यानी ज्यादा सादा स्वभाव आपके लिए हानिकारक है। व्यक्ति को परिस्थिति के अनुसार चतुराई दिखाना बहुत जरूरी है, अन्यथा अजनबी अपना फायदा उठाने लगते हैं।
समाचार रीलों
एक व्यक्ति जो बहुत भोला है उसे कमजोर माना जाता है। चाणक्य अधिक प्रत्यक्ष प्रकृति को मूर्खता की श्रेणी में रखते हैं। उनका कहना है कि यदि मनुष्य बुरे समय में अपना स्वभाव नहीं छोड़ता है तो उसे हर समय परेशानी से गुजरना पड़ता है। इसलिए जीवन में अपने लक्ष्य को पाने के लिए और इस स्वार्थी दुनिया में अपनी रक्षा के लिए थोड़ा चतुर और चालाक होना चाहिए।
अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी केवल अनुमानों और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी पहचान, सूचना की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या विश्वास पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
[ad_2]
Source link