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- निमोनिया में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
- निमोनिया के लक्षणों को नजरअंदाज करना मुश्किल है
- उचित देखभाल से मृत्यु दर में कमी आएगी
निमोनिया की शुरुआत सर्दी, खांसी से होती है। यह एक जीवाणु संक्रमण है जो धीरे-धीरे फेफड़ों पर हमला करता है। संक्रमण बढ़ने पर बुखार और सांस लेने में तकलीफ होती है। साथ ही सामान्य दर्द की भी समस्या होती है। लेकिन भारत में पैदा होने वाले बच्चों में इस बीमारी के होने के चांस ज्यादा होते हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक निमोनिया दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन 1-6 साल के बच्चों में यह ज्यादा गंभीर रूप धारण कर लेता है। निमोनिया के वायरस के प्रति जागरूक होने की जरूरत है और यह दिवस हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है।
जानिए इस साल की थीम
इस वर्ष जो विषय तय किया गया है वह निमोनिया के खिलाफ लड़ाई में चैंपियन बनना है।
जानिए क्या है मकसद
इस दिन का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से गरीब लोगों को निमोनिया के कारण, लक्षण और उपचार की जानकारी देना है। साथ ही दुनिया में लाखों बच्चों को निमोनिया से बचाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य मृत्यु दर को कम करने के लिए 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को उचित टीकाकरण देना है।
जानिए किन कारणों से होता है निमोनिया
- वाइरस
- संक्रमण
- फ़्लू
- सामान्य जुकाम
जानिए इसके लक्षण
- छाती में दर्द
- चक्कर आना
- बुखार
- सांस लेने में दिक्क्त
- फेफड़ों का संक्रमण
- कमज़ोरी
- उल्टी
- मांसपेशियों में दर्द
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