बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में मीडिया कवरेज को लेकर दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया – News18 Gujarati

[ad_1]

एंटरटेनमेंट डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जिसमें अनुरोध किया गया था कि मीडिया को सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले की जांच पर रिपोर्टिंग करने से रोका जाए।

बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गईं
बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की गई यह तीसरी याचिका है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ पहले से ही दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। यह याचिका पुणे के फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा और दो अन्य और अन्य राज्यों के आठ पूर्व पुलिस अधिकारियों ने दायर की है। कोर्ट ने अब तक तीनों याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई के लिए आठ अक्टूबर की तारीख तय की है।

આ પણ વાંચો :   Pics में: तलाक के बाद भी शानदार जिंदगी जी रही हैं टीवी की ये अभिनेत्रियां, देखें तस्वीरें

एनजीओ ‘इन परसूट ऑफ जस्टिस’ द्वारा दायर नवीनतम याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि ‘न्यायालय की अवमानना ​​​​अधिनियम के दायरे का विस्तार करें ताकि मामले की प्रारंभिक फाइलिंग के बाद न्याय के प्रशासन में किसी भी बाधा को शामिल किया जा सके।’

यह भी पढ़ें- Exclusive: NCB के 55 सवालों में फंसी रिया चक्रवर्ती, देखिए पूरी लिस्ट

यह अनुरोध किया गया है कि मीडिया को तब तक मामले से संबंधित किसी भी सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक दिया जाए। जब तक कि आवेदन पर उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता है।

આ પણ વાંચો :   सुबह खाली पेट इस पानी को पिएं, इससे चर्बी मक्खन की तरह पिघल जाएगी

याचिका में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मौत के मामले पर मीडिया की रिपोर्टिंग और घटना से जुड़े मुद्दों और गलत मुद्दों को मीडिया द्वारा हैंडल करना काफी हद तक परेशान करने वाला है। एक स्वतंत्र प्रेस और न्याय प्रशासन के बीच एक स्वीकार्य संवैधानिक संतुलन खोजने की तत्काल आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें- इंडस्ट्री और ड्रग्स के कनेक्शन पर भड़कीं जया बच्चन, ‘थाली में जो खाते हो, वही करते हो’

याचिका में यह भी कहा गया है कि, ‘सुशांत की निजी चैट, आरोपी और अस्पताल के कर्मचारियों के बयान भी प्रेस में प्रकाशित किए गए हैं. जिसमें कहा गया था कि इस तरह की रिपोर्ट से पार्टियों के अधिकारों का हनन हुआ है. और इससे मामले की जांच प्रभावित हो सकती है.’

टैग: बंबई उच्च न्यायालय, सुशांत सिंह राजपूत की मौत, गैर सरकारी संगठन, Sushant singh rajput

[ad_2]

Source link

Leave a Comment